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बिहार को PM आवास योजना में सबसे अधिक कोटा, पुराने आवासों की मरम्मती के लिए राशि देने की घोषणा

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2022-23 के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत देश में सबसे अधिक कोटा बिहार राज्य को मिला है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी अधिक कोटा बिहार को मिला है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधान परिषद में कहा कि यहीं फायदा है डबल इंजन की सरकार होने का। मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में PM आवास योजना के अंतर्गत 11.49 लाख की राशि दिया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार 13,800 करोड़ रुपए प्रदान करेगी।

बुधवार को विधान परिषद में श्रवण कुमार ने ग्रामीण विकास विभाग के वर्ष 2022-23 के बजट पर वाद-विवाद के बाद सरकार के जवाव में यह जानकारी दी। ग्रामीण विकास विभाग की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए श्रवण कुमार ने बताया कि बने आवासों की मरम्मत के लिए भी सरकार 31 मार्च 2010 से पहले 50 हजार रुपए दे रही है।

इसके अलावा इस योजना का लाभ जिन्हें 1 जनवरी 1996 से पहले मिला है उनको 1.20 लाख रुपए बिहार सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार देश का इकलौता राज्य है जो ऐसा कर रहा है। वाद-विवाद में भाजपा की निवेदिता सिंह, देवेश कुमार, घनश्याम ठाकुर, जदयू के निर्दलीय सर्वेश कुमार के अलावा विपक्ष के रामचंद्र पूर्वे, डॉ. समीर कुमार सिंह ने हिस्सा लिया।

विधान परिषद में ग्रामीण कार्य विभाग के बजट पर सरकार का जवाब देते हुए मंत्री जयंत राज ने कहा है कि वर्ष 2022- 23 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 6 हजार किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराई जाएगी। जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 25 हजार किमी सड़कों का निमार्ण होगा। उन्होंने बताया कि सड़क के किनारों पर पौधरोपण किया जाएगा साथ ही अनिवार्य सड़क सुरक्षा मानकों का प्रावधान किया जाएगा।

थ्रीडी इमेजिंग कैमरा के जरिए ग्रामीण पथों का निरीक्षण होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत 4643 संपर्क विहीन टोलों को संपर्कता के लिये 3977 किमी सड़कों का निर्माण होगा। सरकार से इसकी प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। सड़कों की गुणवत्ता अच्छी हो इसके लिए इंजीनियर और संवेदकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के बजट पर मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि बिहार में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 85.12 ग्रामीण क्षेत्र और 74.53 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के आबादी (8.71 करोड़ लोग) को अनाज दिया जा रहा है।

वहीं कोरोना काल के दौरान प्रत्येक लाभुक को 5-5 किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त दिया गया है। बायोमैट्रिक सिस्टम के जरिये लाभुकों को अनाज मिल रहा है। एससी-एसटी, पिछड़ा एव अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रावासों में रह रहे छात्र-छात्राओं को भी प्रति माह 15 किलो मुफ्त अनाज दिया जा रहा है।

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