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बिहार के विद्यालयों को बनाया जाएगा स्मार्ट, होगी इंटरनेट मीडिया की पढ़ाई, डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध होंगी सारी किताबें

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अब बिहार राज्य के सभी 38 जिलों में पंचायत स्तर पर स्थापित 9,360 उच्च माध्यमिक विद्यालयों को स्मार्ट बनया जाएगा। सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर शिक्षा विभाग ने रोडमैप पर अमल करना शुरू कर दिया है। इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को मार्डन लैब, ई-लाइब्रेरी, ई-बुक्स, वेब पोर्टल, ऐप और हाई स्पीड इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। ग्लोबल एजुकेशन के दौर में बच्चे पीछे न रज जाए, इसे ध्यान में रखते हुए इंटरनेट मीडिया के बारे में बेसिक जानकारी दी जाएगी। 

प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास की अनिवार्यता निर्धारित की गई है। IIT के पेशेवरों के माध्यम से सभी प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों को ई-लाइब्रेरी, वेब पोर्टल, एप और इंटरनेट मीडिया संबंधी  आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को पढ़ा सकें। बजट में उच्च माध्यमिक विद्यालयों को स्मार्ट बनाने और विद्यार्थियों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने का प्रविधान होगा। हालांकि जिला में चिन्हित 50 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इसकी शुरुआत हो गई है। इसमें पटना IIT सहयोग कर रहा है। स्कूली शिक्षा में बेहतर करने के साथ-साथ सरकार अब बच्चों को डिजिटल फार्मेट में पाठ्य-पुस्तकें मुहैया कराने को प्राथमिकता देने जा रही है। इसके लिए सभी विद्यालयों में डिजिटल डिवाइस उपलब्ध करायी जाएगी।

हालांकि बिहार देश का पहला राज्य है, जहाँ कक्षा 9 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम और कक्षा पहली से आठवीं तक की सभी किताबों की ई-लाइब्रेरी तैयार किया गया है। अब बस एक क्लिक पर किताबें बच्चों के हाथों में होंगी। इसमें किताबों के अलावा हर चैप्टर का अलग-अलग वीडियो भी उपलब्ध रहेगा। किताबें डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि इसमें पन्ने पलटने की सहूलियत दी गई है। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी कहा कि आज के आधुनिक जमाने में इंटरनेट मीडिया की पढ़ाई भी बच्चों के लिए जरूरी है ताकि स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के बाद बच्चों को इंटरनेट मीडिया के बारे में पूरी जानकारी रहें। इसीलिए विद्यालयों में डिजिटल डिवाइस, इंटरनेट, ई-बुक्स, वेब पोर्टल, ई-लाइब्रेरी जैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है।

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