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बिहार के नवादा जेल में उगा ‘सूरज’, कैदी ने IIT जैम किया क्वालिफाई, ऑल इंडिया में मिली 54वीं रैंक, आगे बनना चाहता है वैज्ञानिक

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कहा जाता है कि अगर हौसले बुलंद हो और कुछ करने का जज्बा हो तो चले उसकी राह में कितनी भी कठिनाइयां क्यो न आये वह उसे पर कर ही जाता हैं कुछ ऐसा ही कर दिखाया है नवादा मंडल कारा के एक बंदी सूरज कुमार ने। दरसल सूरज जेल में रहते हुए आईआईटी की ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) की परीक्षा में सफलता हासिल की है। पिछले हफ्ते इसका रिजल्ट जारी किया गया था जिसमें सूरज ने ऑल इंडिया में 54वां रैंक हासिल किया है। वह अब आईआईटी रूड़की में एडमिशन लेकर मास्टर डिग्री कोर्स कर सकते है।

परिजनों के बताये अनुसार उसकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ तत्कालीन मंडल काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय की है। बताया जाता है कि जानकारी मिलने पर काराधीक्षक ने जेल के अंदर ही सूरज को परीक्षा के लिए किताबें और नोट्स समेत अन्य मैटेरियल उपलब्ध करा दिये थे। जिसके कारण सूरज के हौसलें और भी बुलंद हो गया और जेल के अंदर ही अपनी तैयारी शुरू कर दी। हालांकि सूरज यह परीक्षा पास कर अपने नाम एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया। 13 फरवरी को उसने जेल से पेरोल पर जाकर परीक्षा दी थी।

सूरज कुमार उर्फ कौशलेंद्र कुमार वारिसलीगंज के मोसमा गांव के निवासी अर्जुन यादव का पुत्र है। हालांकि इससे पहले उसने आईआईटी जेईई की परीक्षा के लिए कोटा में रहकर एक साल तक तैयारी की। इसी बीच गांव में नाली बनाने को लेकर वाद-विवाद में मारपीट हो गई जिसमें एक व्यक्ति की मौत के मामले में सूरज को नामजद बना दिया गया और उसे 19 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल आने के बाद वह बिल्कुल टूट से गया था। किन्तु इसी बीच उसे काराधीक्षक अभिषेक का जेल के भीतर मोटिवेशनल स्पीच सुनने एवं क्रिएटिविटी देखने का अवसर मिला और इस बात से प्रभावित होकर वह उनसे मिला और उन्होंने उसकी हरसंभव सहायता की। 

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