BIHAR
बिहार का एक गाँव जहाँ की महिलाएँ सिपाही से लेकर कर्नल के पद पर है, आसपास के गांवों के लिए है मिसाल, जानिए इनकी गाथा
यहां आधी आबादी कड़े संघर्ष से जीवन का लक्ष्य निर्धारित करती है। तभी तो बिहार के मुजफ्फरपुर में सकरा प्रखंड के जगदीशपुर-बघनगरी गांव की बहू-बेटियां सिपाही से लेकर कर्नल तक की जिम्मेदारी गंभीरता पूर्वक निभा रही हैं। आसपास के गांवों के लिए किसी मिसाल से कम नही हैं। जगदीशपुर-बघनगरी गांव की आबादी लगभग 1,800 है। इनमें 200 से अधिक महिलाएं सरकारी से लेकर निजी संस्थाओं में बड़े पदों पर कार्यरत हैं। 40 शिक्षक-प्रोफेसर, 5 चिकित्सक, 1 कर्नल, 50 इंजीनियर, एक-एक डीपीओ, रजिस्ट्रार व गार्ड, 24 सेविका-सहायिका, 20 नर्स एवं 2 सिपाही सहित अन्य पदों पर कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाओं की शिक्षा गांव के स्कूल से लेकर मुजफ्फरपुर शहर के शिक्षण संस्थानों से सम्पन हुई है।
गांव के रामसागर मिश्र की बहू डा. साधना पुणे में कर्नल के पद पर कार्यरत हैैं। उनकी पोती भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोझिकोड से प्रबंधन की पढ़ाई कर रही हैं। गांव की डा. अर्चना मिश्रा नालंदा मेडिकल कालेज एवं हॉस्पिटल में प्रोफेसर हैं, जबकि निरूपा शर्मा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर सेवा दे रही हैं। अंजलि मिश्रा इंदौर में रजिस्ट्रार हैं। नीलू कुमारी सिपाही हैं। शिक्षिका,मीरा व सुगम कुमारी कहती हैं कि शिक्षा के चले ही समाज में बदलाव आया है। महिलाएं जागरूक हुई हैं। यहां की महिलाएं आसपास के गांवों के लिए प्ररेणास्रोत हैं। वहीं, बेंगलुरु में कार्यरत साफ्टवेयर इंजीनियर दिव्या कुमारी बताती हैं कि यहां की महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा करियर के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। नानी-दादी के अलावा गांव की अन्य बुजुर्ग महिलाओं को कामकाजी देख अपने पैरों पर खड़ा होने की प्रेरणा मिली।
शत्रुघ्न मिश्रा की पत्नी जनकलली देवी गाँव की पहली महिला थीं, जिन्होंने सरकारी नौकरी की थी। वर्ष 1961 में उन्होंने ग्राम सेविका के पद पर कार्य किया। मैट्रिक करने के बाद हीं उनकी नौकरी लग गई थी। उनकी यह पहल गांव में बदलाव की दिशा ले आई। आने वाली नई पीढ़ी ने गांव की सफल महिलाओं को प्रेरणास्रोत मानकर मंजिल हासिल की। जगदीशपुर-बघनगरी पंचायत के मुखिया राजेश कुमार ललन बताते हैं कि शिक्षा में कोई भेद-भाव नहीं है। सामाजिक एकरूपता के कारण हीं गांव की महिलाएं घर की दहलीज लांघ काम कर रही हैैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद मोहन बताते हैं कि जगदीशपुर-बघनगरी की महिलाएं काफी सजग हैं। वे शिक्षा के महत्व को समझती हैं। यहां लगभग 95 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं। गांव शिक्षा के मामले में समृद्ध है। यहां एक मध्य विद्यालय एव एक हाईस्कूल अवस्थित है।
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