Connect with us

BIHAR

प्रवीन के पिता चलाते थे दवा की दुकान, दो असफलताओं के बाद भी नही माने हार तीसरे प्रयास में IAS

Published

on

यूपीएससी वो एग्जाम जिसे क्रेक करने का सपना हर साल लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। सालों की मेहनत और लंबे इंतजार के बाद इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को सफलता मिलती है। युवाओं में आईएएस बनने का गजब का जुनून होता है। कई ऐसे भी युवा होते हैं जो अच्छी-खासी नौकरी और दूसरे बैकग्राउंड से पढ़ने के बाबजूद भी यूपीएससी की राह में निकल पकड़ते हैं। ऐसी ही एक कहानी तीसरे प्रयास में आल इंडिया 7वीं रैंक लाकर आईएस बने बिहार के प्रवीण कुमार की। IIT से इंजीनियरिंग करने के बाद यूपीएससी में सफलता पाने वाले प्रवीण की कहानी अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा हो सकती है।

प्रवीण बिहार के जमुई जिले से आते हैं। पिता की दवाई दुकान हैं। गांव से 12वीं की पढ़ाई पूरी की फिर आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता पाने के बाद आईआईटी कानपुर में दाखिला हुआ। यहां से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्लेसमेंट ना लेकर यूपीएससी की तैयारी में भिड़ गए। शुरुआती दो प्रयासों मिली असफलता के बावजूद भी प्रवीण तैयारी में जुटे रहे। यूपीएससी की परीक्षा दी। बीते महीने ही साल 2020 यूपीएससी के नतीजे घोषित हुए। तीसरे प्रयास में बाजी मारते हुए प्रवीण ने देश भर में 7वीं रैंक पर कब्जा जमाया फिर आईएएस अधिकारी बनकर परिवार के सपनों को साकार किया।

यूपीएससी की तैयारी कर है आना विद्यार्थियों को प्रवीण कहते हैं कि प्रारंभिक मुख और इंटरव्यू के लिए अलग-अलग तरीके से योजना बनाकर उसी हिसाब से सिलेबस के मुताबिक पढ़ाई करनी चाहिए। समय-समय पर मॉक टेस्ट देते रहना चाहिए और बीते सालों की यूपीएससी के प्रश्न पत्र सॉल्व करने से भी परीक्षा की तैयारी में बेहद मदद मिलती है। प्रवीन अभ्यर्थियों को रोजाना अखबार पत्र और मैगजीन पढ़ने की भी सलाह देते हैं। दुनिया में हो रही घटनाओं से अपने आप को अपडेट रखकर करंट अफेयर्स सॉल्व करने में मदद मिलती है।

Trending