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बिहार के मुजफ्फरपुर में पेट्रोलियम प्लांट शुरू, मात्र छः रुपये के प्लास्टिक से बनेगा 70 रुपये का डीजल-पेट्रोल

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बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिला में भारत देश का प्रथम प्लास्टिक से पेट्रोलियम उत्पादन करने वाले प्लांट को शुरू किया गया है‌।‌ केवल 6 रु० के प्लास्टिक के कचड़े से 70 रु० तक का डीजल-पेट्रोल बनाया जा सकेगा। मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी के खरौना में प्लास्टिक के कचरें से डीजल-पेट्रोल बनाने वाली प्लांट का उद्घाटन बिहार राज्य सरकार के भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने किया। मंत्री जी ने प्लांट से बने 10 लीटर डीजल को भी खरीदा। प्लास्टिक के कचरे से डीजल-पेट्रोल में रिफाइन करने वाली प्रक्रिया को समझने के लिए जनता में काफी उत्साह दिखा और ग्रामीणों की भीड़ भी बख़ूबी देखने को मिलती रही।


यह प्लांट भारत देश का पहला प्लांट होगा जहाँ से कचरे से डीजल-पेट्रोल को बनाया जा सकेगा ।साथ ही ग्रैविटी एग्रो एन्ड इनर्जी के मार्गदर्शन में इसे बनाकर तैयार किया गया है। इस प्लांट के फाउंडर और ग्रैविटी एग्रो एन्ड इनर्जी के CEO आशुतोष मंगलम ने बताया कि प्रतिदिन 150 L डीजल और 130 L पेट्रोल बनाना होगा। साथ ही इसे तैयार करने की विधि के बारे में बताया कि कचरा को ब्यूटेन में परिवर्तित किया जाएगा फिर इसे आइसो ऑक्टेन का रूप भी पूर्ण रूप से दिया जाएगा। इसके पश्चात जरुरी तापमान से आइसो ऑक्टेन को ही डीजल और पेट्रोल में परिवर्तित किया जाएगा। देहरादून में इंडियन इंस्चयूट ऑफ पेट्रोलियम की ओर से इसका सफल परीक्षण भी पूर्ण किया जा चुका है। नगर निगम से 6 रु० प्रति किलो कचरा को खरीद जाता है। इसे पूर्ण रूप से बन कर तैयार करने में कुल 8 घंटों का वक्त लगता है। डीजल व पेट्रोल में अधिक ऑक्टन वैल्यू के कारण गाड़ियों को माइलेज भी ज्यादा मिलता है है।

इधर प्लांट में बनाए गए डीजल और पेट्रोल को नगर निगम के साथ-साथ किसानों के बीच भी उपलब्ध किया जाएगा। कम मूल्यों पर केवल 70 रु० लीटर के शुल्क के साथ आपूर्ति की जाएगी। प्लांट में प्रथम दिन 40 KG प्लास्टिक से 37 L डीजल तैयार किया गया। प्लांट के संचालक ने बताया कि केंद्र सरकार के तहत आने वाली योजना PMEGP से 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता सरकार ने दी है, जिसके बाद इस प्लांट को खोला जा सका गया है।

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