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पिता चाहते थे बेटा सरकारी नौकरी करें पर बिहार के मनीष किसान के रूप में बनाई पहचान, साल में कमा रहे 10 लाख

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कहते हैं, सच्ची लगन और कठिन परिश्रम के दम पर किसी भी मुश्किल काम को आसान बनाया जा सकता है। इन्हें सच साबित किया है गोपालगंज के इस किसान ने। विशम्भरपुर ब्लॉक के मनीष तिवारी के पिता की ख्वाहिश थी कि वह पढ़ाई-लिखाई कर सरकारी नौकरी करे, लेकिन मनीष ने यह ठान लिया था कि उन्हें किसान बनना है। आज मेहनत के बलबूते मनीष 25 एकड़ में समेकित खेती कर रहे हैं। सलाना 10 लाख रुपए की कमाई मनीष खेती से कर रहे हैं। मनीष ने 20 लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए हैं।

मनीष चार भाई और एक बहन में सबसे अग्रज है। साल 1995 में कैंसर की बीमारी से पीड़ित उनके पिता का निधन हो गया, तब वे छठी क्लास में पढ़ते थे। मनीष ने दैनिक भास्कर को बताया कि पिता की ख्वाहिश थी कि पढ़ लिखकर मैं सरकारी नौकरी करूं, लेकिन उन्हें अपने खेत और फसल से नज़दीकियां थी। आज के युवा डॉक्टर, इंजीनियर बनना चाहते हैं उस युग में मनीष किसान बनना चाहते थे। पढ़ाई से समय निकालकर मनीष अपने दादा के साथ खेत की ओर निकल पड़ते थे।

मनीष

मनीष कहते हैं कि आज के युग में अधिकतर लोग खेती से अपना दूरी बना रहे हैं। लेकिन मैंने यह मन में ही सोच लिया था कि एक ना एक दिन ऐसी खेती करूंगा जो औरों से अलग हो। उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन के बाद पढ़ाई छोड़ कर मैंने खेती की शुरुआत की। साल 2011 में अपने खेतों में उन्होंने कुछ पेड़ लगाए। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग लिया। अपने 25 एकड़ जमीन में समेकित खेती की शुरुआत की। मनीष ने बताया कि खेती के दौरान उन्हें उद्यान विभाग और कृषि विभाग से भरपूर मदद मिला।

आज के समय में मनीष 25 एकड़ जमीन में अलग-अलग चीजें लगाकर एक साल में 10 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं। गांव के 20 लोगों को उन्होंने रोजगार भी दिया है। ये लोग उनके खेती, मछली पालन और बकरी पालन में काम करते हैं। मनीष ने बताया कि छोटे भाइयों को पढ़ाया और एक भाई मुंबई में अधिवक्ता है। जिले में मनीष की पहचान एक उन्नत और मेहनती किसान के तौर पर होती है। खेती में नई तकनीक के प्रयोग और सही समय की पहचान व ट्रेनिंग पाकर उन्नत खेती कर मनीष ने यह कामयाबी पाई है।

मनीष 1 एकड़ में मछली पालन, 10 कट्ठे में गन्ना,10 कट्ठे में राजमा, दस कट्ठे में चुकन्दर की खेती, 2 एकड़ में लहसुन, 2 एकड़ में प्याज, 2 एकड़ में सरसों, 2 एकड़ में गेहूं, 2 एकड़ में तरबूज, 2 एकड़ में गोभी और 1 एकड़ में खीरा की खेती कर रहे हैं। मनीष ने 5 हजार यूकेलिप्ट्स के पेड़ लगाए हैं और 20 की संख्या में बकरी पालन कर रहे हैं। (स्त्रोत- दैनिक भास्कर)

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