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पहले इंजीनियरिंग फिर यूपीएससी की राह थाम ली, दूसरे प्रयास में आईएएस बने ऋषिराज की कहानी
यूपीएससी वो एग्जाम जिसे क्लियर कर आईएएस बनने का सपना हर साल लाखों अभ्यर्थी देखते हैं। सालों की मेहनत और लंबे इंतजार के बाद इस परीक्षा में छात्रों को सफलता मिलती है। युवाओं में आईएएस बनने का जुनून सर चढ़कर बोलता है। कई ऐसे भी युवा होते हैं जो दूसरे बैकग्राउंड से पढ़ने के बावजूद भी यूपीएससी की राह में निकल पड़ते हैं। ऐसी ही एक कहानी दूसरे प्रयास में आईएएस बने ऋषि की। जिन्होने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी में दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए ऋषि रोल मॉडल बन गए हैं।
ऋषि राज सिंगरौली से आते हैं। शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। मेडिकली अनफिट के कारण इस सेक्टर में अपना करियर ना बनाकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। साल 2015 में सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए। साल 2016 में पहले प्रयास में परीक्षा के तीनों चरणों को पास कर लिया लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं मिल सकी। फिर अपनी गलतियों में सुधार के बाद दूसरे प्रयास में साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उन्होंने सफलता हासिल करते हुए 27 वीं रैंक हासिल किया और आईएएस अधिकारी बन गए।
ऋषि कहते हैं कि यूपीएससी की बेहतर तैयारी के लिए सिलेबस की अच्छी तरह समझ सके। वैकल्पिक विषय पर ज्यादा फोकस करें। साहिल रणनीति और मेहनत निरंतर के दम पर ही इस परीक्षा में सफलता मिलेगी। ऋषि बताते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली जाना भी कोई जरूरी नहीं है। घर पर ही जाकर इंटरनेट का सहारा लेकर इस परीक्षा की बेहतर तैयारी की जा सकती है।
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