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पटना जंक्शन समेत पूर्व मध्य रेल के 69 स्टेशन किए जाएंगे विकसित, एयरपोर्ट स्टैंडर्ड की मिलेगी सुविधाएं

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पटना जंक्शन सहित पूर्व मध्य रेल के 69 रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट स्टैंडर्ड की तरह विकसित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। योजना के मुताबिक, 2023 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे स्टेशनों का विकास करने की पूरी कवायद 2003 में सेमी हाई स्पीड और प्राइवेट ट्रेनों के परिचालन को लेकर की जा रही है। फिलहाल मध्य प्रदेश के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को डेवलप किया गया है। पूर्व मध्य रेल में गया में विकास कार्य जारी है।

पटना जंक्शन पर एक्जीक्यूटिव लाउंज का काम चल रहा है। साथ ही वेटिंग रूम और डोरमेट्री को नए तरीके से बनाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, एक एक करके चयनित सभी रेलवे स्टेशनों को डेवलप कर एयरपोर्ट जैसी सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। पूर्व मध्य रेल के अधिकारी के अनुसार, पूर्व मध्य रेल के 55 स्टेशनों को एयरपोर्ट के अनुरूप विकसित करने का निर्देश दिया था, जिनमें 14 स्टेशन और जोड़े गए है। इस तरह कुल 69 रेलवे स्टेशन हो गए है। हालांकि 55 स्टेशनों का काम अंतिम चरण में है। इस क्रम में 24 एस्केलेटर और 18 लिफ्ट लगा दिए गए हैं। 29 एस्केलेटर और 40 नए लिफ्ट लगाने का काम किया जा रहा है।

प्रतीकात्मक चित्र

पूर्व मध्य रेल के पटना जंक्शन, पटना साहिब, राजेंद्र नगर टर्मिनल, पाटलिपुत्र जंक्शन, बक्सर, गया जंक्शन, दानापुर, आरा, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय समेत अन्य स्टेशनों को चिह्नित किया गया है। जो स्टेशन परिसर में खाली व बेकार पड़ी भूमि का उपयोग करने की योजना पर काम हो रहा है। खाली जमीन को निजी कंपनियों को देकर यात्री सुविधाओं के लिए व्यवस्था बढ़ाई जाएगी।

पटना जंक्शन के करबिगहिया साइड को नए सिरे से डेवलप करने की तैयारी है। इसके लिए पश्चिम साइड में मीठापुर फ्लाईओवर के नीचे मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के साथ शॉपिंग मॉल और यात्रियों की जरूरतों के मुताबिक कई अन्य अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। फिलहाल रेल भूमि विकास प्राधिकरण 7361 वर्ग मीटर भूमि को पट्‌टे पर देने की तैयारी में है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है। इसमें से 5,514.23 वर्ग मीटर के एक हिस्से को 99 साल के लिए डेवलपर को पट्टे पर दिया जाएगा। जबकि 1,846.77 वर्गमीटर का एक अतिरिक्त क्षेत्र रेलवे पुनर्विकास के लिए निर्धारित किया गया है।

रेलवे स्टेशनों बाहरी परिसर में खाली पड़े निजी कंपनियों को सौंप दी जाएगी, जिसमें मल्टीफंक्शनल कॉप्लेक्स बनाए जाएंगे। इसमें वातानुकूलित कमरे भी होंगे। इस कॉम्पलेक्स में शॉपिंग मॉल भी रहेगा। साथ ही प्लेटफॉर्म की सफाई की व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, रेलवे पूछताछ काउंटर सहित अन्य कार्य निजी कंपनियों के द्वारा किया जाएगा।

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से विश्वस्तरीय सुविधा से रेलवे स्टेशनों को लैस किया जाएगा। है। इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ प्रतिष्ठित संरचना व भीड़-भाड़ से मुक्त गैर-विरोधी प्रवेश-निकास, यात्रियों के आगमन-प्रस्थान के लिए अलग-अलग गेट, प्लेटफॉर्म के ऊपर पर्याप्त भीड़ नहीं हो, प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट और एस्केलेटर, आवश्यक सुविधाएं, एटीएम, इंटरनेट, खानपान, वॉशरूम, पीने का पानी, आदि शामिल होंगे। ( इस आर्टिकल में प्रयोग किए गए चित्र सांकेतिक हैं।)

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