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ट्रेन से एक्सीडेंट होने पर 14 ऑपरेशन हुए, 1 साल बेड पर रहते हुए की तैयारी फिर ऐसे बनी IAS अधिकारी
कहानी एक ऐसे आईएएस अफसर की जो तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद आईएएस बनने के ख्वाहिश को नहीं छोड़ा। ट्रेन से एक्सीडेंट होने के बाद 14 ऑपरेशन हुए, 1 साल बाद ससुराल वालों ने साथ छोड़ दिया। तब भी प्रीति ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, चुनौती को स्वीकार करते हुए लक्ष्य के प्रति अग्रसर रही। फिर ऐसे यूपीएससी क्रेक कर बन गई आईएएस अफसर। उनकी कहानी हम सभी को पढ़नी चाहिए।
हरियाणवी से आने वाली प्रीति शुरुआती पढ़ाई गांव में करने के बाद 12वीं की पढ़ाई मतलौडा के इंडियन स्कूल से की। इलैक्ट्रिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद साल 2013 में इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री करने के बाद हरियाणा के बहादुरगढ़ में ग्रामीण बैंक में नौकरी लगी। 3 साल उन्होंने यहां नौकरी की। फिर साल 2016 में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में असिस्टेंट जनरल के पद पर चयन हुआ। करनाल में उन्होंने 5 साल नौकरी की। साल 2016 में ही प्रीति का शादी हो गया था। साल 2016 में एफसीआई की विभागीय प्रमोशन के लिए गाजियाबाद एग्जाम देने जा रही थी, इसी दौरान स्टेशन पर अचानक पैर फिसलने के कारण ट्रेन के नीचे आकर दब गई। ट्रेन के तीन डिब्बे शरीर के ऊपर से गुजर गए, जिसके बाद बाईपास सर्जरी हुई। 14 ऑपरेशन भी हुए।
बेड पर आ गई, हालात इतने खराब हो गए कि बेड पर पड़े रहते ही सब कुछ करना पड़ता था इसके चलते ससुराल वालों ने साथ छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने तकरीबन 1 साल बेड रेस्ट करते ही यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की। यूपीएससी के पहले प्रयास में असफलता हाथ लगी फिर दूसरे प्रयास में प्री परीक्षा के लिए हो पाया लेकिन मेंस में निराशा हाथ लगी फिर साल 2020 में परीक्षा दिया और यूपीएससी के घोषित नतीजे में सफलता हासिल कर बन गई आईएएस अधिकारी।
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