BIHAR
खेतों में पुआल जलाने वाले किसानों पर बिहार सरकार की सख्ती, नहीं मिलेगा किसी योजना का लाभ
खेतों में पुआल जलाने वाले किसानों पर बिहार सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को पंचायत भवन और कृषि विभाग के दफ्तर में नाम सार्वजनिक किया जाएगा। किसानों को कृषि की विभिन्न योजनाओं से लाभ देने से तीन सालों के लिए वंचित कर दिया जाएगा। अगर कोई किसान धान काटने में कंबाइन हार्वेस्टर का इस्तेमाल करता है तो उन्हें सबसे पहले जिला प्रशासन से इजाजत लेनी होगी। शपथ पत्र पर भरकर देना होगा कि कंबाइन हार्वेस्टर से धान फसल की कटाई के बाद खेतों में पुआल नहीं जलाएंगे।
बीते दिन विकास आयुक्त आमिर सुबहानी ने जिला अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह निर्देश दिया कि किसानों को खेतों में पुआल नहीं जलाने के लिए जागरूक करें। अगर समझाने के बाद भी किसान ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें कृषि और प्रशासनिक अधिकारी नाम सार्वजनिक करेंगे और उन्हें सभी योजना से वंचित कर दिया जाएगा। कृषि सचिव ने बताया कि किसान पुआल जलाने के बजाय खाद के रूप में इसका उपयोग करें। पूसा वेस्ट डी कंपोजर को पानी में मिलाकर छिड़काव करने से 15 दिनों के भीतर पुआल खाद के रूप में बदल जाता है। कृषि विश्वविद्यालय किसानों को यह मशीन मुहैया भी करा रही है।
बता दें कि पटना और मगध प्रमंडल के लगभग दिनों में किसान धान की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से करते हैं। कटाई के बाद धान के तने का लगभग हिस्सा खेतों में रह जाता है जिसे किसान रबी फसल लगाने के लिए खेतों में ही नष्ट कर देते हैं। मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी हो जाती है, जिसके चलते फसलों का उत्पादन घटता है। बता दें कि पिछले दो सालों में 500 किसानों पर कृषि विभाग कार्रवाई भी कर चुकी है।
-
BIHAR2 years ago
Arya-Go का स्पेशल पैकेज,अब मात्र 21 हजार में मिलेगा 21 कारों का काफिला
-
BIHAR2 years ago
बिहार में स्कूलों का अवकाश कैलेंडर जारी, जानें 2022 में स्कूलों में कितने दिनों की होंगी छुटियाँ
-
STORY3 years ago
मां चलाती थीं पेट्रोल पंप और सिर्फ 22 साल की उम्र में बेटी UPSC क्रैक कर बनी IAS अधिकारी