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एमबीबीएस कर बनीं डॉक्टर फिर देश सेवा के लिए चुना IAS का सफर, लोगों के लिए मिसाल है इनकी कहानी।
काशी की अर्तिका पढ़ाई में शुरू से ही होनहार छात्रा रही है। स्कूल हो या कॉलेज उनका नाम हमेशा टॉप पर रहता था। इसके बावजूद भी अर्तिका कहती है कि यह कोई मैटर नहीं करता कि आप कैसे स्टूडेंट रहे हैं या आपकी पृष्ठभूमि कैसा रहा है? यूपीएससी की तैयारी शुरुआत में जीरो से ही करनी होती है। इनका मानना है कि दिन में 14 से 16 घंटे पढ़ने के बजाय बेहतर रणनीति और ध्यान केंद्रित कर रोजाना 4 से 5 घंटे की पढ़ाई ही पर्याप्त है। मेडिकल की डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी क्लियर करने वाली अर्तिका की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा है।
वाराणसी की रहने वाली अर्तिका भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गई। पिता पेशे से डॉक्टर हैं। मां होममेकर हैं। दोनों बड़े भाई ने यूपीएससी परीक्षा पास की है। सबसे बड़े भाई गौरव आईपीएस अधिकारी है इन्होंने साल 2012 में यूपीएससी क्लियर की थी। दूसरे भाई उत्कर्ष शुक्ला भी यूपीएससी क्लियर करके आईआरटीएस में अधिकारी हैं।
प्रारंभिक पढ़ाई अर्तिका ने सेंट जॉन स्कूल से की यहां वो हमेशा टॉप करती थी। फिर इन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। फिर मुश्किल माने जाने वाली एमडी में भी उनका चयन हो गया और वे पीजीआईएमईआर से एमडी कर रही थीं। इसी दौरान उनके बड़े भाई गौरव ने यूपीएससी की तैयारी शुरू करने की सलाह दी। एमडी बीच में ही छोड़कर अर्तिका ने यूपीएससी की तैयारी में भीड़ गई। इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग का सहारा नहीं लिया। यूपीएससी की परीक्षा दी और साल 2015 में पहले ही प्रयास में देश भर में 4 वी रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गई।
यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं अभ्यर्थियों को अर्तिका सलाह देती है कि प्री के साथ ही मेंस की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए इसका सिलेबस बहुत बड़ा होता है। जिस पर अपनी पकड़ हो उसी को ऑप्शनल सब्जेक्ट में चुनें। किताबों की संख्या सीमित रखकर उन्हें बार-बार टॉपिक्स पढ़ें और रिवीजन करें। वे बताती है कि पीआरएस वेबसाइट, पीआईबी और योजना बहुत जरूरी हैं. एआरसी और इकोनॉमिक सर्वे बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक्स हैं। बेसिक्स के लिए एनसीईआरटी जरूरी है और स्पेस और सैटेलाइट्स से जुड़ी हुई टॉपिक्स पर नज़र रखें ये स्कोर बढ़ाते हैं।
अर्तिका का मानना है कि टॉपर्स का इंटरव्यू को देखें और अपने हिसाब से उनके सलाह को फॉलो करें। तैयारी के समय नकारात्मक बातें भी तंग करती है इसलिए इस पर ध्यान ना देकर तैयारी में जुटे रहें। मेंस का कोई पेपर खराब होने पर उसे भूलकर अगले पेपर में जी जान से मेहनत करें। इंटरव्यू में आत्मविश्वास होना बेहद जरूरी है। किसी का जवाब मालूम ना हो तो बिना घबराए सॉरी बोल कर चुप हो जाएं।
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