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अर्चना पांडे बनी पटना की पहली महिला कैब ड्राइबर, जानिए इनकी पूरी कहानी

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सच कहा गया है आज के आधुनिक युग मे लड़कियाँ भी लड़को से कम नही है चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो लड़कियों का झंडा हर जगह लहराता पाया जा रहा है। महिलाएँ अपने दृढ़शक्ति के साथ हर क्षेत्र में जुड़ी हुई है और अपने कर्तव्यों का निर्वहन काफी अच्छी तरह कर रही है ठीक इसी तरह की एक घटना राजधानी पटना से निकल कर आ रही है जहाँ एक महिला के द्वारा ऐसे काम को कर रही जो कि महिलाओं के लिए करना आसान नही।

आपको बता दें कि राजधानी पटना की अर्चना पांडे जो कि पटना की मूल निवासी है वे पटना की पहली महिला कैब ड्राइवर बनी हैं। अनिसाबाद की रहने वाली 34 वर्षीय अर्चना पांडे अपने चार बच्चों की परवरिश करने के लिए कैब कैप चलाना शुरू किया है। साथ ही अपने परिवार का सभी खर्च वे इसी के माध्यम से निर्वाहन करती है।

अर्चना पांडे बताती हैं कि वह शुरू से अच्छी चालक रही हैं। लेकिन शादी होने के बाद उसका यह हुनर जैसे कहीं गुम हो गया था। उनकी दुनिया परिवारिक जिम्मेदारियों और बच्चों में ही सिमट कर रह गई थी। वह मसाले का बिजनेस शुरू किया लेकिन अनुभव नहीं होने के कारण व्यापार नहीं चल सका। इसके बाद उन्होंने कई कंपनियों में काम किया। लेकिन उन पैसों से बच्चों की परवरिश नहीं हो पा रही थी। इसलिए उन्होंने अपने हुनर को ही कैरियर के रूप में अपनाया। 

अर्चना पांडे ने बैंक से लोन लेकर कार खरीदी और खुद ड्राइविंग करने लगी। शुरू में सिर्फ अपने जान पहचान के लोगों के लिए गाड़ी चलाती थी। धीरे-धीरे लोगों से पहचान बढी तो ट्रैवल एजेंसी के लिए कैब चलाना शुरू कर दिया है। वह कैब से बिहार के सभी जिलों में जा चुकी हैं। महिलाएं इनके साथ जाना खुद को अधिक महफूज समझती हैं।

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