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UPSC की तैयारी करने वाले सूर्य प्रकाश ने नौकरी की आस छोड़ शुरू की मशरूम की खेती, सालाना कमा रहे है 10 लाख
नौकरी की आस छोड़िए, व्यापार से नाता जोड़िए। दरसल यह बातें जहानाबाद निवासी सूर्य प्रकाश ने कही। सूर्य प्रकाश ने UPSC की तैयारी छोड़ उन्होंने 2019 में मशरूम की खेती शुरू की। वह मशरूम का उत्पादन करके प्रतिदिन औसतन 2000 हजार रुपए कमा रहे हैं।
सूर्य प्रकाश बताते हैं कि अब मशरूम की खेती से सालाना औसतन 10 लाख रुपए कमा रहे हैं। उन्होंने बातचीत में बताया कि कैसे उन्होंने सीजनल प्लांट लगाया और अब 2 कमरे में सालभर खेती कर लाखों कमा रहे हैं। सूर्य प्रकाश जहानाबाद शहर के मलहचक मुहल्ला के निवासी है। उन्होंने राजनीतिक शास्त्र से M.A. किया हैं। 2015 में वह दिल्ली में UPSC की तैयारी के लिए गए। वह लगभग 3 साल तक तैयारी की लेकिन सफल नहीं हुए तो वह वापस गांव लौट आए।
उन्होंने बताया की, 2019 में सीजनल प्लांट लगाकर मशरूम की खेती शुरू की। पहले साल तो उतनी नहीं, लेकिन दूसरे साल से अच्छी पैदावार हो रही है। मार्च 2021 में घर के ही दो कमरे में मशरूम की खेती शुरू की थी। और अब सालाना 10 लाख रुपए कमा रहे हैं। मशरूम की खेती के लिए सबसे जरूरी कंपोस्ट की तैयार करना है। पैदावार पूरी तरह इसी पर निर्भर करती है। वह बताते है कि, कंपोस्ट बनाने के लिए सभी चीजों को एक खास अनुपात में होना चाहिए।
कम्पोस्ट तैयार करने के लिए सबसे पहले 1000 किलो गेहूं के भूसे चाहिए। जिसमे चिकेन मैन्यूर (मुर्गी के बीट) 30% या फिर इसके बदले सरसों की खल्ली 30% डाली जाती है। उस मिश्रण में जिप्सम- 3%, यूरिया- 2-2.5%, सल्फर- 3%, DAP – 1% मिलाया जाता है। इस मिश्रण में 25 किलो बीज डाला जाता है। कंपोस्ट को या तो टनल मेथड या पाइप मेथड से तैयार किया जाता है। कंपोस्ट तैयार होने में औसतन 45 दिन लगता है। तब तक ह्यूमिटडिटी (आर्द्रता) 80 से 85% चाहिए।
फिर कंपोस्ट को एक बैग में दाल कर इसे ठंड में 80-85% ह्यूमिडिटी वाले रूम में रखा जाता है। इसके लिए फायर ह्यूमिड मशीन लगाकर मेंटेन कर सकते हैं। या जूट बैग को गीला कर रख सकते हैं। सीजनल प्लांट सिर्फ ठंड के समय हो सकता है। जबकि, AC कमरे में हर महीने कमाई हो सकती है। 45 दिनों में कंपोस्ट बैग से प्रतिदिन औसतन 15-20 kg उत्पाद होता है।
ठंड में 160 रुपए प्रतिकिलो तो ऑफ सीजन 220-250 रुपए प्रतिकिलो मशरूम बिकता है। उन्होंने बताया, अक्टूबर में सीजन कंपोस्ट बनाना शुरू किया। और दिसंबर से पैदावार शुरू हो गई, जो अभी तक जारी है। दोनों कमरों से जहां 1 टन पैदावार हुई। वहीं, सीजनल प्लांट से 4 टन हो चुकी है। सीजनल प्लांट तैयार करने में 1 लाख 80 हजार रुपए लगे। वहीं, कमरों में ऑल सीजन पैदावार के लिए 2 लाख खर्च हुआ है। इस वर्ष अभी तक 5 टन मशरूम मार्केट में पहुंचा चुके हैं। अभी शादी विवाह के लग्न को लेकर मांग अधिक है।
Source- Dainik Bhaskar
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