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बिहार के समस्तीपुर में 100 बेड का बनेगा मेटरनिटी एंड चाइल्ड हेल्थ सेंटर, जच्चा-बच्चा की होगी देखभाल

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सदर अस्पताल परिसर में मेटरनिटी एंड चाइल्ड हेल्थ सेंटर के निर्माण का रास्ता अब क्लीयर हो गया है। मिट्‌टी जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पूर्व प्रस्तावित स्थल से लगभग 5 मीटर उत्तर की तरफ भवन निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। भवन पानी टंकी एवं डीएस आवास होते हुए मौजूदा सड़क से आगे उत्तर की तरफ जाएगी। पूर्व के नक्शे से अलग हट कर भवन थोड़ा त्रिभुज आकार का होगा। लगभग 3 माह पहले मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन भवन का शिलान्यास किया था।

मेटरनिटी एंड चाइल्ड हेल्थ सेंटर निर्माण के लिए जब पिलर का गड्ढा खोदा गया तो 5 फीट गहराई पर ही पानी आने लगा। जिस कारण निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था। कार्य एजेंसी BMSICL ने प्रस्तावित स्थल से उत्तर दो स्थानों पर 15 एवं 20 फीट की गहराई से मिट्टी जांच के लिए भेजा था। जो मिट्‌टी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर भवन का निर्माण शुरू किया गया है।

समस्तीपुर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार ने कहा कि कार्य एजेंसी कुछ दिन पहले ही मिट्‌टी का सेंपल लिया था। जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत मातृ शिशु केयर भवन का निर्माण किया जाना है। यहां प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा की बेहतर देखभाल की जाएगी। यह अस्पताल लगभग 100 बेड का होगा जो सभी सुविधाओं से लैस रहेगा। इसमें मां और नवजात से जुड़ी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। आपको बता दें कि सदर अस्पताल में हर माह लगभग 1000 प्रसव होते हैं। वर्तमान समय में यहां बेडों की संख्या काफी कम है। प्रसव के बाद प्रसूता को 24 से 48 घंटे तथा ऑपरेशन की स्थिति में 72 घंटे तक रुकना पड़ता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगभग 2 महीनें पहले सदर अस्पताल परिसर में 500 बेडों का मॉडल अस्पताल का ऑनलाइन शिलान्यास किया था। भवन निर्माण के लिए नशामुक्ति केंद्र भवन से लेकर पीछे पार्क एवं डायलिसिस सेंटर तक की जमीन प्रस्तावित है। किन्तु शिलान्यास के बाद अबतक भवन निर्माण की दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है। अस्पताल के अधिकारी को भी जानकारी नहीं है कि जिस स्थान पर माॅडल अस्पताल बनाया जाना है वहां पूर्व से चल रहे केंद्रों का कहा शिफ्ट किया जाएगा। अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा कि कार्य एजेंसी से संपर्क किया जा रहा है कि भवन निर्माण को लेकर देरी क्यो है। इस केंद्र के निर्माण होने से एक ही छत के नीचे मरीजों को सभी प्रकार की सुविधा मिल सकेगी।

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