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10वीं में सिर्फ 44.5 प्रतिशत अंक, लालटेन की रौशनी में की पढ़ाई और बने IAS अधिकारी
आजकल के बहुत से युवा यूपीएससी क्रैक कर आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं। कुछ युवा अपने विगत परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त नहीं कर पाते और अगर वे सोचते है कि वे यूपीएससी जैसे परीक्षा में सफल नहीं हो सकते, वैसे युवाओं के लिए 2009 बैच के IAS अधिकारी अवनीश शरण एक मिसाल हैं। अवनीश शरण को उनकी दसवीं की परीक्षा में मात्र 45.5 फ़ीसदी अंक ही प्राप्त हुए थे, बावजूद इसके उन्होंने खुद पर विश्वास किया और यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनने का सपना देखा। इसके बाद वो 12वीं और स्नातक पास कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए।
यूपीएससी की तैयारी के क्रम में अविनाश में तरह-तरह की समस्याओं का सामना किया पर बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर मेहनत करते रहे। अविनाश शरण ने एक इंटरव्यू के क्रम में बताया कि उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा घर में बिजली ना होने के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई लालटेन की मदद से की। संघर्षों के आगे उन्होंने कभी हार नहीं मानी और निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास किया अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और 2009 में 77 वी रैंक लाकर अविनाश आईएएस बने। साथ ही उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि किसी भी लक्ष्य को मेहनत और दृढ़ इच्छा से प्राप्त किया जा सकता है।
वर्तमान समय में अवनीश चर्चित आईएएस अधिकारियों में से एक हैं। उनके बेहतर काम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। आपको बता दें कि आईएएस अविनाश शरण के बेटी की डिलिवरी सरकारी अस्पताल में हुई थी और उन्होंने अपनी बेटी वेदिका का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया है। अविनाश शरण कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार आईएएस ऑफिसर में से एक हैं और हमेशा जनता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।
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