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सुपौल के राजा पोखर में लगेगा फ्लोटिंग सोलर प्लांट, मछली पालन के साथ होगा बिजली उत्पादन
सुपौल जिले के राजा पोखर में मछली पालन के साथ-साथ सौर ऊर्जा से बिजली का भी उत्पादन किया जाएगा। जल जीवन हरियाली यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2019 में इसकी नींव रखी थी, जो अब आकार लेने लगा है। यहां 525 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाना है। इसकी निविदा होने के बाद कार्य शुरू हो चुका है। इस साल के आखिरी तक यहां बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस पर जोर-शोर से कार्य किया जा रहा है।
इस छोटे से गांव के सरोवर से 525 मेगावाट बिजली उत्पादन से लगभग 1500 घर रोशन होंगे। हालांकि यह ऊर्जा विभाग की ग्रीन योजना के तहत संभव हो पाया है। इसके तहत सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न किया जाएगा तथा उत्पादित बिजली को पिपरा पीएसएस भेजी जाएगी। फिर वहां से क्षेत्रीय उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
राजा पोखर यह लगभग डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। संयंत्र लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। बिहार रेनवाल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी की देखरेख में यह संयंत्र लगाए जा रहे है। हालांकि इस संयंत्र को ग्रीन ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बेहतर पहल मानी जा रही है। यह इलाका ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बिहार के सपने को साकार करेगा।
सिर्फ इतना ही नहीं पोखर में बिजली उत्पादन तो होगा ही साथ-साथ मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन भी किया जाएगा। अनुमान है कि इस संयंत्र को लगाने में लगभग 3.10 करोड़ की लागत आएगी। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रशांत कुमार मंजू को इसके नोडल पदाधिकारी बनाया गया हैं। फ्लोटिंग सोलर प्लांट भूमि आधारित सौर संयंत्र के लिए एक ऐसा विकल्प है जिसमें जल की सतह पर पैनल अधिष्ठापित कर सौर प्लेट लगाई जाती है। इससे बिजली का उत्पादन किया जाता है। फिलहाल पोखर के तीन चौथाई हिस्सों में संयंत्र लग चुका है। ( इस आर्टिकल में प्रयोग किए गए चित्र प्रतीकात्मक हैं।)
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