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बिहार में अब ट्रैफिक पुलिस की नही चलेगी मनमानी, ट्रैफिक पुलिस के लिए लागू हुआ नया नियम

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नालंदा समेत राज्य के कई जिलों की ट्रैफिक पुलिस अब बाडी वार्न कैमरा से लैस हो गई है। यानी पुलिस की वर्दी में ही कैमरा लगा है, जिसे पहनकर ट्रैफिक पुलिस चालान काटेगी। ट्रैफिक IGMR नायक ने बताया कि नई वयस्था में  व्यवस्था से वाहन चेकिंग और चालान काटे जाने की पारदर्शिता आएगी। यातायात पुलिस की गतिविधियों और वाहन चालक से बातचीत को उनके शरीर पर लगा कैमरा द्वारा ही रिकार्ड होगा। इससे हादसों को कम करने में सहायता मिलेगी। IG ट्रैफिक ने पिछले दिनों 12 जिलों के ट्रैफिक DSP को इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिया था जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस अत्याधुनिक साजो-सामान के साथ सड़क पर उतर रही है।  

पुलिस आधुनिकीकरण के अंतर्गत यातायात पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए बाडीवार्न कैमरे से लैस किया जा रहा है। फिलहाल यह सीमित संख्या में हीं उपलब्ध कराया गया है लेकिन धीरे-धीरे इसकी तादाद बढ़ाई जाएगी। कैमरे कंट्रोल रूम से लिंक होंगे। जिससे लाइव वीडियो कंट्रोल में बैठे पदाधिकारी भी देख सकेंगे। ट्रैफिक पुलिस किससे क्या बात करती है, यह नजर रखी जा सकती है। ट्रैफिक पुलिस ने स्पीड गन का भी इस्तेमाल शुरू कर दी है। यह गन दूर से आरही गाड़ीयो की रफ्तार बताता है। यदि गाड़ी हाई स्पीड है तो चालक को जुर्माना भरना पड़ेगा।

राज्य के कई थानों में महिला पुलिस अधिकारि व कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। फिलहाल महिला पुलिस अधिकारी व कर्मी की कुल संख्या 13,718 है, जिसमें 5859 थानों में तैनात हैं। इनमें कई पुलिस पदाधिकारी हैं जो थाना प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वहीं महिला पुलिस पदाधिकारियों की भी तैनाती थानों में की गई है। वर्तमान में बड़ी संख्या में महिला पुलिस पदाधिकारी और कर्मी प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है।

समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें थानों में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। राज्य में अब 77 थाना और आउट पोस्ट (ओपी) ऐसे हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं है। पहले यह संख्या 196 थी। इनमें 119 थाना और ओपी को भूमि उपलब्ध करा दी गई है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने शेष थानों के लिए भूमि चिन्हित करने की कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया है।  

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