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बिहार के भागलपुर जिले में बन रहा हैंगिंग डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी, पर्यटक गंगा के बीच करीब से देख सकेंगे डॉल्फिन

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बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए कई प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जा रहा हैं। राजगीर का नेचर सफारी, जू सफारी, वेणु वन के साथ ही गया, सीतामढ़ी, दरभंगा जैसे धार्मिक स्थलों का विकास एवं गंगा तटों का पुनर्निर्माण जैसी परियोजनाओं को पूर्ण किया जा रहा हैं।

इसी क्रम में भागलपुर के सुल्तानगंज से अगुवानी घाट महासेतु पर हैंगिंग डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी बनाया जा रहा है। यह अपने आप में एक अनोखा महासेतु होगा जहां पर पुल के बीच में ही गाड़ियों को पार्क कर दर्शक सीढ़ियों से नीचे जा कर गंगा नदी में एक बड़े प्लेटफार्म पर डॉल्फिनों की उछल कूद को करीब से देख और समझ सकेंगे। इस प्रकार का निर्माण बिहार के भागलपुर सुल्तानगंज भागलपुर कहलगांव डॉल्फिन अभ्यारण क्षेत्र में किया जा रहा है।

प्रतीकात्मक चित्र

दरअसल, सुल्तानगंज- आगुवानी घाट महासेतु स्टेट ऑफ द आर्ट बन रहा है। महासेतु के बीच डॉल्फिन देखने के लिए हैंगिंग डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी का निर्माण किया जा रहा है। इस महासेतु के बीच में ही गाड़ियों की पार्किंग होगी। और दर्शक सीढ़ियों से नीचे जा कर गंगा नदी के करीब जाकर एक बड़े प्लेटफार्म से डॉल्फिन का खेल देख सकेंगे।

बता दें कि सुल्तानगंज भागलपुर कहलगांव का यह इलाका डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित है। गंगा नदी पर इस वर्ष एक और पुल तैयार हो जाएगा। सुल्तानगंज आगुवानी घाट पुल इसी वर्ष चालू हो जाएगा। मुंगेर और भागलपुर सड़क पुलों के बीच बन रहे इस सुल्तानगंज-आगुवानी घाट पुल से लोग गंगा पार करेंगे। उत्तर बिहार में यह पुल बरौनी, खगड़िया, दालकोला यानी NH-31 और दक्षिण बिहार में यह पुल मोकामा लखीसराय भागलपुर मिर्जाचौकी यानी NH-80 को जोड़ेगा।

इस पुल के निर्माण से भागलपुर विक्रमशिला सेतु के साथ मुंगेर सेतु पर गाड़ियों का लोड कम होगा। इससे उत्तर बिहार के खगड़िया सहरसा, मधेपुरा जिले से दक्षिण बिहार के भागलपुर मुंगेर जमुई और बांका की दूरी 70 से 100 किमी कम हो जाएगी। इस पुल की लंबाई 23 किमी होगी। पुल का सुल्तानगंज 4 किमी, खगड़िया जिले से आगुवानी घाट पुल 16 किमी है।17 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल की लागत 1710 करोड़ है।

इसका निर्माण 2015 के मार्च में प्रारंभ हुआ था। जो 2019 के नवंबर में पूर्ण होना था, लेकिन बाद में इसकी समय सीमा जून 2022 कर दी गई। पुल के फाउंडेशन एवं सबस्ट्रक्चर का 100% निर्माण हो चुका है। सुपरस्ट्रक्चर 70 प्रतिशत तैयार हो गया है। इसके निर्माण में अब तक 1100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। हाल ही में खगड़िया और भागलपुर में भूमि अधिग्रहण की समस्या समाधान हो गई है।

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