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बिहार की इस बेटी ने अपने माता-पिता को गिफ्ट किया 35 लाख का घर, जाने उनकी संघर्ष पूर्ण कहानी

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बिहार राज्य के भागलपुर की नेहा मिश्रा खूब चर्चा में है। दरसल 3 वर्ष पूर्व नेहा ने Amazon में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रही थी। अभी लगभग उन्हें 10 लाख का व‍ार्षिक पैकेज मिल रहा है। उनका काम वर्क फ्रॉम होम होने के कारण वह भागलपुर में अपने घर से ही काम करती है। वह मूलत: तगेपुर, प्रखंड जगदीशपुर, जिला भागलपुर के रहने वाली है।

नेहा मुकेश मोहन मिश्रा और शारदा मिश्रा की बेटी है। उनका जीवन काफी संघर्ष पूर्ण रहा है। उसका एक छोटा भाई है प्रवीण मिश्र। परिवार में चार सदस्‍यों है। इस परिवार के सभी सदस्‍य से शुरू से ही संघर्ष किया है। शारदा मिश्रा की इच्‍छा थी कि उनके दोनों बच्चे भागलपुर में रहकर अच्‍छे स्‍कूल में पढ़ाई करे। लेकिन उनकी आमदनी इतनी नहीं थी की अच्छे स्कूल में बाधा सके। इस लिए मुकेश मोहन मिश्रा ने भागलपुर में आकर टेम्‍पो चलाना शुरू कर दिया।

यहाँ वे लोग किराये के मकान में रहने लगे। नेहा का माउंट कॉर्मेल स्‍कूल और प्रवीण का माउंट असीसी स्‍कूल में नामांकन कराया। दोनों ने यहीं से पइंटर तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद नेहा और प्रवीण दोनो आगे की पढ़ाई के लिए हैदरबाद चले गए। नेहा ने वहां कंप्‍यूटर की शिक्षा जारी रखी। इसी दौरान Amazon कंपनी के कुछ प्रतिनिधि वहां पहुंचे। कैंपस सेलेक्‍शन हुआ। नेहा को उसमें नौवां स्‍थान मिला। Amazon ने उसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नौकरी दे दी।

पढ़ाई पूरी करने के बाद नेहा Amazon में नौकरी करना प्रारंभ कर दी। वह लगातार वहां काफी मेहनत कर तरक्‍की कर रही है। विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण करने के कारण लगातार नेहा का यहां प्रमोशन हो रहा है। फिलहाल कोरोना संक्रमण के कारण नेहा घर से काम कर रही हैं। किराये के मकान में रहने के कारण उन लोगों को यह भय रहता था कि पता न कब मकान खाली करना पड़ जाए। इसी डर से नेहा से सोचा कि क्‍यों न अपने माता-पिता को एक घर खरीदकर उपहार स्वरूप दे।

हालांकि नौकरी के कारण बैंक से उन्हें आसानी से लोन भी मिल गया। इसके बाद भागलपुर के विक्रमशि‍ला अपार्टमेंट, जीरोमाइल में नेहा ने 35 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदी और अपने माता-पिता को उपहार के रूप में द‍िया है। अभी सब वहीं रह रहे हैं। नेहा अपनी माता-पिता और दादी रासमणि देवी के साथ वहीं रहती है।

उसका छोटा भाई प्रवीण मिश्र अभी हैदराबाद में पढ़ाई कर रहा है। मुकेश मोहन मिश्रा बताते है कि वह जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय भागलपुर परिचारी पद पर कार्यरत हैं। इसके पहले वे वर्ष 1989-2000 तक भागलपुर में टेम्‍पो चलाकर बच्‍चों को पढ़ाया। इसके बाद वर्ष 2000 से 2014 तक डीएम के सरकारी आवास पर वायरल ऑपरेटर का कार्य किया। 2014 में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में उनकी नौकरी लगी। वर्ष 2028 में वे सेवानिवृत हो जाएंगे।

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