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BIHAR

पटना की इस महिला मूर्तिकार की कहानी, मूर्ति बनाकर चलाती है घर-परिवार, दूरदराज इलाकों से मिलता है ऑर्डर

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बिहार की राजधानी पटना की इस महिला मूर्तिकार की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। महिला मूर्ति बनाकर 5 बच्चों के परिवार का खर्च वहन करती है, तीन बेटियों की शादी कर चुकी है। विरासत में मिले कला को आगे बढ़ाते हुए इस महिला को दूरदराज के इलाकों से मूर्ति बनाने के आर्डर मिलते हैं।

राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ की सुशीला साल 2003 से ही मूर्ति बनाने का काम करती है। सुशीला के ससुर ने साल 1950 से ही मूर्ति निर्माण करते रहे हैं, उनकी मृत्यु के बाद विरासत को आगे बढ़ाते हुए सुशीला ने मूर्ति बनाना जारी रखा। काफी दूर-दूर से सुशीला को मूर्ति बनाने के ऑर्डर मिलते हैं, सुशीला मूर्ति बनाने के आय स्रोत से परिवार में पांच बेटियों का खर्च वहन करती है, अब तक तीन बेटियों की शादी कर चुकी है।

सुशीला को हमेशा महीने मूर्ति बनाने के आर्डर मिलते रहते हैं। दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, सरस्वती पूजा के अलावा विश्वकर्मा पूजा भी में भी मूर्ति निर्माण होते रहता है। मूर्ति बनाने से साल के एक लाख रुपए तक सुशीला कमा लेती है, इन्हीं पैसों से साल भर परिवार का खर्च वहन होता है। कोरोना काल के चलते विगत दो वर्षों में मूर्ति निर्माण भी पूरी तरह प्रभावित रहा, जिसके चलते आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। अब मूर्ति के आर्डर मिलने लगे हैं, तो धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है।

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