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जब आसमान में ही खराब हो गया था हेलीकॉप्टर तब Ratan Tata ने अपनी सूझबूझ से कराई थी सेफ लैंडिंग, ये है कहानी

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जैसा कि हम सभी को पता है की लाखों लोगों के प्रेरणा स्रोत, शानदार शख्सियत और लोगों की मदद करने वाले ऐसे बिजनेस मैन Tata Group के चेयरमैन रतन टाटा की सफलता की मिसाल हर कोई देता है। कंपनी को सफलता के शिखर तक पहुँचना हो या मजबूर लोगों की मदद करना रतन टाटा (Ratan Tata) हमेशा पहली पंक्ति में खड़े मिलते हैं।

IBM की नौकरी छोड़ने वाले रतन टाटा (Ratan Tata) के पास पायलट का लाइसेंस भी उपलब्ध है। पुराने रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा (Ratan Tata) ने केवल 17 वर्ष की उम्र में ही पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। एक न्यूज कंपनी के अनुसार रतन टाटा (Ratan Tata) लगभग दो बार ऐसे प्लेन में यात्रा कर रहे थे, जब प्लेन के इंजन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई।

यह बात उन दिनों की है जब कॉलेज के दिनों में रतन टाटा (Ratan Tata) मौत के मुँह से निकलते बचे थे। रतन टाटा सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर रहे थे, इसी दौरान इंजन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी। लिहाजा रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपनी समझदारी से पानी के ऊपर उड़ रहे हेलीकॉप्टर को किसी तरह जमीन पर लैंडिंग करवा कर अपनी और सभी साथी की जान बचा ली।

अभी 6000 करोड़ की कंपनी के मालिक रतन टाटा (Ratan Tata) पुराने समय को याद करते हुए बतातें हैं– ‘ जब मैं दूसरी दफा तीन सहपाठियों के साथ हेलीकॉप्टर उड़ा रहा था, ठीक उसी समय हवाई अड्डे से 9 मील की दूरी पर तकनीकी खराबी आ गई थी। जिसके बाद हमने जैसे तैसे लैंडिंग कराई थी।’

रतन टाटा (Ratan Tata) टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamshedpur Tata) के पोते यानी नवल टाटा (Naval Tata) के बेटे हैं। वर्ष 1961 में रतन टाटा (Ratan Tata) ने एक कर्मचारी के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन वर्ष 1991 में कंपनी के चेयरमैन बन गए। अपने 21 वर्ष के दौरान उन्होंने कंपनी की वैल्यू को 50 गुणा बढ़ा दिया। आज हर कोई रतन टाटा (Ratan Tata) की सफलता और जिंदादिली का मिसाल देता है और निरंतर उनके प्रयासों को चर्चा में रखता है।

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