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गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रही LLB की स्टूडेंट मीना, बेहद प्रेरणादायक है उनकी कहानी

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आज हम ऐसी महिला के बारे के बताएंगे जो हजारों लोगों का जीवन रौशनी से भर रहीं हैं, उनका नाम हैं मीना चौधरी तथा वो एक स्टूडेंट होने के साथ-साथ एक सामाजिक कार्य भी करती हैं। आइए जानते हैं मीना चौधरी की स्टोरी । मीना चौधरी LLB फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं और दिल्ली में ही रहकर गरीब एवम वंचित बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करती है। मीना के माता पिता स्वयं पढ़े-लिखे नहीं हैं परंतु शिक्षा के श्रेष्ठता को बखूबी जानते हैं तथा बेटी की हर संभव सहायता भी करते हैं।

मीना द्वार बताया गया हैं कि उनके पिता भले ही पढ़े-लिखें नहीं हैं परंतु उनका मानना है कि अनपढ़ होने के वजह से जो दिक्कतें उन्होंने देखीं वो नहीं चाहते कि कोई अन्य बच्चा उस प्रकार की दिक्कतों से जूझे। इसी के हेतु हर बच्चें को पढ़ना चाहिए। उनके पिता की इसी विचार तथा जज्बे का कारण है कि मीना के सभी भाई-बहन पढ़े लिखे हैं।

मीना बड़े होकर करियर के स्वरूप में हमेशा पुसिल प्रशासन में जाना चाहती थीं। उनका सपना था एक पुलिस इंस्पेक्टर बनना परंतु जब उन्हें पता चला कि पुलिस बन कर शायद वह समाज के वंचित तबके को न्याय एवम, उनका हक नहीं दिला सकेंगी तो उन्होंने अपने करियर को लॉ के स्वरूप में चुन लिया और फिर LLB में दाखिला ले लिया। मीना अभी 24 साल की हैं तथा LLB फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं।

मीना दिल्ली के यमुना खादर में एक पुल के नीचे बच्चों को शिक्षा प्रदान करती हैं, उसका नाम है यमुना खादर पाठशाला। ये सभी बच्चें गरीब मजदूरों, किसानों एवम कंस्ट्रक्शन साइट के मजदूरों के बच्चें हैं उनके माता-पिता खुद पढ़े-लिखे नहीं हैं। मीना इन सभी बच्चों को अपने स्टडी सेंटर यमुना खादर पाठशाला में पढ़ाती हैं एवम खुद भी पढ़ती हैं। मीना बच्चों को पढ़ाने का 2017 से शुरू किया था और यह सिलसिला आज तक कायम है।

मीना कहती हैं कि स्टूडेंट को पढ़ाने के हेतु वो भिन्न भिन्न प्रकार की एक्टिविटी कराती है इसलिए ताकि सभी बच्चों को ढंग से पढ़ाई समझ में आ सके। उनका कहना है कि परिश्रम से डरकर भागा नहीं जाता बल्कि उसका सामना किया जाता है तथा एक औरत स्वयंम को सशक्त करने के सहित ही समाज को भी आगे बढ़ाने का काम करती है।

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